Usha sharma

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लेखनी कहानी -25-Sep-2023

ग़ज़ल 1222 1222 122 

नहीं मौके मिले हमको खुशियों के, 

उठाए गम हैं हमने बेरुखी के। 1


कभी जो पास था दिल के हमारे, 

ज़रा तेवर तो देखो अब उसी के।2


मुखोटे रोज़ ही है वो बदलता, 

कई किरदार हैं इस आदमी के।3


निगहबानी बड़ी रख्खी किसी ने, 

निशाने पर नहीं हैं अब किसी के।4


तसव्वुर में नहीं आते कभी वो, 

हमें रहते गुमां कितने उन्हीं के। 5


पिया है जाम जब से मौसिकी का, 

 दीवाने हो गए हम शायरी के। 6


रहो कुछ देर तक यूँ  संग हमारे, 

न लम्हें मिल सकेंगे फिर खुशी के।7


© उषा शर्मा

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3 Comments

खूबसूरत भाव और अभिव्यक्ति

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Reena yadav

25-Sep-2023 08:23 PM

👍👍

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जी बेहद ही उम्दा पेशकश।

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